स्कूल टीचर के लिए कोचिंग क्लासेज की व्यवस्था करते प्राइवेट स्कूल!

आज हम लोग 21 सेंचुरी में जी रहे हैं जहाँ हमें रोटी, कपडा और मकान के बाद सबसे ज्यादा जरुरत अगर किसी चीज़ कई है तो वो है एजुकेशन, बहुत बेहतर एजुकेशन, बहुत ज्यादा बेहतर एजुकेशन! चूँकि हम जानते हैं की जितनी बेहतर एजुकेशन हमारे पास या हमारी अगली पीढ़ी के पास होगी, जिससे की हमारा या हमारी पीढ़ी का भविष्य उतना ही बेहतर होगा! हम अपनी इसी ज़रूरत को पूरा करने के लिए या बेहतर एजुकेशन के लिए प्राइवेट स्कूल्स की तरफ चले जाते हैं जोकि बहुत मोटी फीस लेकर हमारे बच्चों को अपने स्कूल में एडमिशन देते हैं एवं उन्हें बहुत बेहतर एजुकेशन देने का वादा करते हैं और बेहतर भविष्य की कामना करते हैं! और हम इन प्राइवेट स्कूल वालों की बातों का भरोसा कर लेते हैं शायद इस उम्मीद से की प्राइवेट स्कूल वाले मोटी फीस लेकर हमारे बच्चों को बेहतर शिक्षा देंगे!

लेकिन कुछ दिन बाद जब हम देखते हैं की हमारे बच्चे के रिजल्ट्स अच्छे नहीं आ रहे या हमारी उम्मीद के हिसाब से नहीं आ रहे तब हम स्कूल में कंप्लेंट करने की जगह ये सोच लेते हैं की हमारे बच्चे को एक्स्ट्रा टाइम की ज़रूरत है और ज्यादा समझाने की ज़रूरत है इसलिए उसको बेहतर टीचर से कोचिंग ज्वाइन करवा देनी चाहिए! फिर हम अपने बच्चे से पूछते हैं की क्लास में कौन अच्छा पड़ता है और किस टीचर से कोचिंग पड़ता है! फिर हम उसी स्कूल टीचर पर अपने बच्चे की कोचिंग ज्वाइन करवा देते हैं इसी उम्मीद से की अब हमारे बच्चे को बेहतर समझ आएगा! मोटी फीस स्कूल में देने के बाद कोचिंग टीचर को भी मोटी फीस देना पड़ती फिर हम रिजल्ट का वेट करते हैं और जब रिजल्ट आता है तो उसे देखकर हम खुश हो जाते हैं की बच्चे को समझ आने लगा है लेकिन हम ये नहीं सोचते की जब बच्चा स्कूल में 4 से 5 घंटे में स्कूल में रहने के बाद नहीं समझ पता तो कोचिंग में सिर्फ 1 घंटे में कैसे समझ सकता है पर हम अच्छे रिजल्ट के आगे इतना नहीं सोचते!

फिर जब बच्चे बड़ी क्लास में पहुंचते हैं या स्कूल चेंज करते हैं और उनका रिजल्ट हमारी उम्मीद सा नहीं आता तब हम बोलते ही की पहले तो अच्छा पड़ता था लेकिन अब कमज़ोर हो गया है! पर हम कभी ये खुद से चेक नहीं करते की जिस स्कूल में हमारा बच्चा पद रहा है वहां :-

1) टीचर की एलिजिब्लिटी क्या है?
2) टीचर बच्चों को कैसे ट्रीट करती है?
3) टीचर बच्चों को क्या और कैसे पड़ती है?
4) टीचर बच्चों को क्या और कितना होम वर्क देती है
5) स्कूल की टीचर्स और बच्चों के लिए क्या गाइडलाइन हैं?
6) टीचर बच्चों को मोटीवेट तो नहीं करती की उस टीचर पर टूशन आओ?
7) प्रिंसिपल का बच्चों की एजुकेशन पर कितना फोकस है?
8) अगर बच्चे को कुछ समझ नहीं अत तो क्या स्कूल में एक्स्ट्रा क्लास की फैसिलिटी है?

(केवल उन प्राइवेट स्कूल् के लिए जहाँ शिक्षा धर्म नहीं बिज़नेस है )

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