क्षेत्रीय राजनैतिक पार्टियों को ख़त्म करने में माहिर बीजेपी की नज़र कहीं मध्यम वर्ग के परिवारों पर तो नहीं!

सुनकर सोच में पड़ गए ना की देश की इतनी बड़ी राजनैतिक पार्टी जो देश के लिए इतना कुछ कर रही है वो मध्यम वर्ग के लिए खतरा कैसे हो सकती है? आपकी बात बिलकुल सही है में भी आपकी हाँ में हाँ मिलातु हूँ, परन्तु देश में मध्यम वर्ग की जो स्थति है वो स्थति इस बारे में सोचने पर मजबूर करती है!

बहुत अच्छा लगता है यह देखकर की देश को एक बहुत मजबूत सरकार मिली है जिसने पूरी दुनियाँ के सामने हमारे देश की छवि को सकारात्मक एवं बहुत प्रभावशाली बनाया है! बहुत अच्छा लगता है यह देखकर की देश को एक बहुत मजबूत सरकार मिली है जिसने पूरी दुनियाँ के सामने हमारे देश की छवि को सकारात्मक एवं बहुत प्रभावशाली बनाया है! आज पूरी दुनिया के सामने भारत एक बहुत बड़ी महाशक्ति बनकर उभरा है!

परन्तु इतना सब देखने एवं सुनने के बाद भी यह सोचना हमारी मज़बूरी बनता जा कहीं आने वाले समय में मध्यम वर्ग के परिवार रहेंगे या सिर्फ सिर्फ अमीर और गरीब ही बचेंगे? यह सोचने के कुछ कारण है जो निचे दिए गए हैं -:

मध्यम वर्ग जिस LPG गैस सिलिंडर को 450 रूपए में खरीदता था वह अब 1100 रूपए का मिलता है जो आने वाले समय में कितना और महंगा होगा पता नहीं, वहीँ गरीब परिवारों को बिलकुल मुफ्त में बांटा जा रहा है जिनमे ज्यादातर गैस सिलिंडर को वह किसी मध्यम वर्ग को ही बेच देते हैं!

कोरोना के नाम पर आज भी गरीबों को मुफ्त राशन मिल रहा है और मिलता रहेगा कम से कम 2024 लोक सभा चुनाव तक! परन्तु मध्यम वर्ग, वह वर्ग जिसे कोरोना काल में शायद सबसे ज्यादा नुकसान हुआ, जिसकी मदद के लिए सरकार आगे नहीं आई, जिसे खुद मेहनत करकर अपना एवं अपने परिवार का पालन पोषण करना है उसे सरकार की तरफ से मिल रही मुफ्त की महंगाई!

डीजल जिसपर देश का पूरा ट्रांसपोर्ट चलता है सबसे ज़रूरी भोजन सामग्री का ट्रांसपोर्ट होता है जो शायद एक बहुत बड़ी वजह है महंगाई की एवं पेट्रोल की रेट इतनी ज्यादा हो चुकी है कि मध्यम वर्ग में ज्यादातर पब्लिक ट्रांस्पोर्ट का इस्तेमाल करते हैं क्यूंकि मध्यम वर्ग को पेट भी भरना है, बच्चों की स्कूल फीस भी भरनी है, हॉस्पिटल का खर्चा भी खुद उठाना है परन्तु गरीब परिवारों को मुफ्त में अनाज, बच्चों की स्कूल फीस, हॉस्पिटल का खर्च सब सरकार देती है और ज्यादा हो तो बैंक खतों में पैसे भी पहुंचा देती है!

गरीब परिवारों को ज़रूरत का खयाल रखना सरकार की ज़िम्मेदारी है एवं मध्यम वर्ग भी चाहता है की देश में कोई भूखा न रहे, सभी को शिक्षा मिले, सभी स्वस्थ रहें परन्तु हर ज़रूरत की सामग्री को महंगा कर गरीब परिवारों को मुफ्त में बाँट देना कैसा विकास है! इसका सीधा सा मतलब यही है की सरकार मध्यम वर्ग की जेब से ही गरीब की थाली भर रही है एवं मध्यम वर्ग को भूखा रहने पर मजबूर कर रही है!

यही सब देखकर लगता है की मध्यम वर्ग कब तक भूखा रहेगा, कब तक महंगाई से लड़ेगा ! आने वाले समय में या तो मध्यम वर्ग के लोगों को भूखा मर जाना हैं या फिर गरीब बन जाना हैं! दोनों ही सूरतों में मध्यम वर्ग का अस्तित्व तो खतरे में ही है ! और रही बात अमीर वर्ग की तो उनके बारे में बात करकर क्यों अपना समय बर्बाद करना!

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