पहले हाँथो में आते थे अब खातों में आते हैं, बस तरीके बदले है साहब , बाकि वोट आज भी खरीदे जाते हैं!

सुनकर बहुत अजीभ लगा ना? पर पढ़कर आपको ही तय करना है की यह बात सच है या नहीं की “पहले हांथो में आते थे अब खतों में आते हैं, तरीके बदले है साहब, बाकि वोट आज भी खरीदे जाते हैं”! सरकार एक तरफ तो विकास की बात करती है और दूसरी तरफ मुफ्त की रेबड़ियाँ बांटती है, क्या मुफ्त की रेबड़ियाँ बाँटने से देश का विकास हो रहा है?

रिज़र्व बैंक के गवर्नर ने चेतावनी दि है की मुफ्त में बाटने से देश की अर्थव्यवस्था ख़राब हो रही है परन्तु सरकार का RBI गवर्नर की चेतावनी को नज़रअंदाज़ कर मुफ्त की रेबड़ियाँ बाँटना जारी है! मुफ्त के रेबड़ियाँ जिन पर सुप्रीम कोर्ट भी उंगली उठा चूका है परन्तु सरकार इन मुफ्त की रेबडियों को बाँटना बंद या कम करने की बजाय और बड़ा रही है! सरकार पर ना तो RBI गवर्नर की चेतावनी का कोई फर्क पड़ा और ना ही सुप्रीम कोर्ट की बात का!

सरकार को तो बस मुफ्त में रेबड़ियाँ बांटकर अपना फायदा देखना है, फायदा सिर्फ अपने वोटबैंक का! अगर आप चाहते हैं की संसाधनों का कोई दुरूपयोग ना करे तो सबसे पहले मुफ्त में बाँटना बंद करना पड़ेगा! मुफ्त में बाँटने के बजाय आप कीमत में भी तो कटौती कर सकते हैं परन्तु कीमत में कटौती से वोटबैंक मजबूत नहीं होगा ऐसा सोचकर यह राजनेता मुफ्त में ही बाँटना पसंद करते है चूँकि पैसा देश का है किसी राजनेता की जेब से नहीं जाता तो कैसे भी खर्च करो!

मुफ्त बिजली:- बिजली का दुरूपयोग होने के साथ आकर्षित होता वोटबैंक!

मुफ्त में पानी:- संसाधनों का दुरूपयोग एवं आकर्षित होता वोटबैंक!

मुफ्त गैस कैलेंडर:- आकर्षित होता वोटबैंक!

महिलाओं के लिए मुफ्त बस सेवा:- बिना खर्च कहीं भी घूमना मतलब संसाधनों का दुरूपयोग एवं समय की बर्बादी और साथ ही आकर्षित होता महिला वोटबैंक!

मुफ्त में राशन:- मुफ्त राशन सिर्फ आर्थिक स्थिति से कमज़ोर वर्ग के लिए न होकर उनके लिए भी जो आर्थिक स्थिति से कमज़ोर नहीं हैं, फायदा आकर्षित होता वोटबैंक!

अगर सरकार हर व्यक्ति तक सभी सुविधाओं को वाकई पहुंचाना चाहती है तो मुफ्त में न बांटकर सब्सिडी द्वारा कीमत कम करकर भी तो पंहुचा सकती है जिससे वह व्यक्ति सुविधा का उपयोग करने के लिए मोटीवेट भी होगा एवं संसाधनों का दुरूपयोग भी नहीं होगा!

अब आप यही सोचेंगे की इन सबमे पैसे हमारे खतों में कहाँ आए तो में कहना चाहता हूँ की अपने इन सभी सुविधाओं का इस्तेमाल किया बिना कुछ खर्च किये! पैसे आपके हांथो में नहीं आए परन्तु आपने जिन सुविधाओं का इस्तेमाल किया उनके लिए जो खर्च हुआ वह भी तो सीधे आपके खाते से काटने के बराबर है जिसमे आपकी जेब से कुछ खर्च ही नहीं हुआ पेमेंट हो गया!

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