Social

Education, Political, Social

दलित – कैसे बने यह शब्द जाति के नाम पर विभाजन के रूप में प्रयोग होने लगा।

“दलित” शब्द संस्कृत भाषा से लिया गया शब्द है! संस्कृत में “दलित” शब्द “दाल” धातु से बना है जिसका अर्थ

Education, Political, Social

कांग्रेस पार्टी के अनुसार धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र का अर्थ

धर्मनिरपेक्षता की टैगलाइन के तहत भारत में कांग्रेस पार्टी द्वारा कई कार्य किये गये हैं। धर्मनिरपेक्षता शब्द कांग्रेस पार्टी द्वारा

Education, Political, Social

अनुच्छेद 370 – भारत में कश्मीर का छिपा हुआ विभाजन अब एक अतीत है।

भारत का सर्वोच्च न्यायालय- ‘अनुच्छेद 370 को हटाना संवैधानिक रूप से वैध है, जम्मू-कश्मीर भारत के संविधान द्वारा शासित होगा।’

Political, Social

देश के प्रधान मंत्री (मुखिया) को अपशब्द बोलना अप्रत्यक्ष रूप से जनता को अपशब्द बोलने के बराबर ही तो है!

“हम भारत के लोग”, यह वाक्य बोलने में हम सभी भारतीय खुद में गर्व महसूस करते है, यह महत्वपूर्ण शब्द

Education, Political, Social

मध्य प्रदेश में पटवारी परीक्षा सिर्फ “भ्रष्टाचार” का नमूना है या “चुनाव प्रचार के लिए बड़ा राजस्व उत्पन्न करने की तकनीक”?

मध्य प्रदेश पटवारी परीक्षा में हुआ भ्रष्टाचार क्या केवल एक नया भ्रष्टाचार है यां आगामी चुनावों में प्रचार करने हेतु

Education, Political, Social

यदि शिक्षा ही योग्यता की जननी है, फिर नौकरियों के लिए आरक्षण क्यों केवल योग्यता क्यों नहीं?

मनुष्य जाती की सबसे महत्वपूर्ण योग्यता है उसके “संस्कार” जो “शिक्षा” की पहली सीढ़ी हैं, “शिक्षा” जिसे योग्यता की जननी

Political, Social

राजगद्दी के लिए अपने देश के मुद्दों पर पड़ोसियों के साथ चर्चा कर, उन्हें हस्तक्षेप के लिए आमंत्रित करना सही है क्या?

“राजनीती” एक ऐसा शब्द जिसे सुनकर शायद सभी को राजगद्दी नज़र आती है, परन्तु कुछ समय पहले तक राजनीती का

Political, Social

शरणार्थीयों को वोटिंग का अधिकार देना देश के विकास के लिया अच्छा है या सरकार के लिए?

हमारे देश भारत में चुनाव एक पर्व की तरह मनाया जाता है जिमसे हर भारतीय को (जिनका नाम वोटर लिस्ट

Health, Social

पतंजती :- स्वदेशी आयुर्वेद के नाम से अपनी ही देशवासियों को ठगती कंपनी!

पतंजलि, हमारे देश की बहुत बड़ी आयुर्वेदिक कंपनी जिसके उत्पाद हमारे देश के लगभग हर घर में इस्तेमाल किये जाते

Political, Social

अगर कोई बेटा अपने पिता की कमाई पर जीवन यापन करे तो वह नाकारा और कामचोर, पर यदि कोई संपन्न व्यक्ति या संपन्न परिवार सरकारी खैरात पर जिए तो यह उसका हक़! ऐसा क्यों?

आज के समय जब सरकारी योजनाए शायद अपने चरम पर हैं, आज सरकार की तरफ से ज़रूरतमंदो को लगभग हर

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