NCERT एवं CBSE बोर्ड से एफिलेटेड स्कूल की तरह MP बोर्ड से एफिलेटेड सभी स्कूल्ज में एक जैसी किताबें क्यों नहीं चलती?

हम सभी जानते हैं की NCERT एवं CBSE से एफिलेटेड सभी स्कूल्ज का सिलेबस या किताबें एक जैसी रहती हैं और टीचर्स को अप्पोइंट करने से पहले उनकी योग्यता पहचानी जाती है की वह बच्चों को योग्य हैं की नहीं, अगर योग्य हों तो उन्हें गाइडलाइन दी जाती है की बच्चों को कैसे एवं क्या पड़ना है! इसी कारण NCERT एवं CBSE बोर्ड के बच्चे इंटेलीजेंट एवं सभी लगभग बराबर योग्यता रखते हैं क्योकि वह सभी बच्चे एक जैसी किताबों से पढ़े होते हैं!

परन्तु जब हम MP बोर्ड से एफिलेटेड स्कूल्ज की बात करें तो यहाँ ऐसा कोई रूल नहीं है जैसा की NCERT एवं CBSE बोर्ड में है! MP बोर्ड से एफिलेटेड स्कूल्ज में लगभग सभी स्कूल्ज का सिलेबस या किताबें दूसरे स्कूल से अलग होता है! किसी स्कूल में टीचर की क्वालिफिकेशन पोस्ट ग्रेजुएट होती है तो किसी में ग्रेजुएट तो किसी में 12th पास को भी अप्पोइंट कर लेते हैं! टीचर्स की योग्यता जाने बिना सिर्फ अप्पोइंट की गयी टीचर से पूछकर उसके पसंद का सब्जेक्ट दे दिया जाता है या जिस सब्जेक्ट के टीचर की आवश्यकता होती है उसे वही पड़ने को बोल दिया जाता है!

MP बोर्ड से एफिलेटेड स्कूल्ज की बात करें तो यहाँ स्कूल डिसाइड क्यों करता है की उसको किस पब्लिशर की किताबें अपने स्कूल में चलनी हैं? जो काम MP बोर्ड को मैनेज करना चाइये वह काम MP बोर्ड ने स्कूल पर छोड़ रखा है और इसी बात का फायदा लेकर MP बोर्ड से एफिलेटेड स्कूल्ज अपनी पसंद का पब्लिशर सेलेक्ट कर लेते हैं और इन पब्लिशर की किताबें हर शॉप पर नहीं मिलती, जिस शॉप पर इनका मार्जिन सेट रहता केवल उन्ही शॉप्स पर इनकी किताबें मिलती हैं!

हम सभी को आवाज़ उठानी होगी MP बोर्ड के खिलाफ ताकि MP बोर्ड भी या तो NCERT की गाइडलाइन एवं किताबें अपनाना चाहिए या तो फिर अपनी खुदकी गाइडलाइन एवं किताबें जो सभी स्कूल्ज में चलें जोकी MP बोर्ड से एफिलेटेड हैं!

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